आज मैं स्वयं का सूत्रधार हूँ = क्योंकि कुछ प्रश्न हैं . प्रश्न ये कि मैं कौन ! वैसे यह प्रश्न बेमानी है . क्योंकि यहाँ ब्लॉग की जो बिसात बिछी है , वहाँ असली के साथ कई नकली हैं . और एक टिप्पणी की लालसा में कोई नहीं जानना चाहता कि कौन है , नाम असली है या नकली ! मेरा प्रारंभ . मेरा दूसरा कदम न संशयात्मक है , न सत्य पर झूठ का मुलम्मा और झूठ यदि है तो खुलकर कहो मेरी तरह .
मैं ने परिचय में भी कहा है , संजय कह सकते हो = तो घुमाकर मैंने अपना नाम भी बता ही दिया है . मेरी उम्र मात्र २० . रवीन्द्र जी और रश्मि जी से शुरुआत करने का उद्देश्य ? - मैं भी उसी जगह से हूँ , जहाँ इनका जन्म हुआ , दूसरे - ब्लॉग जगत में इनकी पकड़ स्वार्थरहित है .
पर मैं सूत्रधार सिर्फ प्रशंसा का नहीं हूँ = ब्लॉग की बिसात पर बेईमानी भी है , और चालाकी भी . मैं अपनी सीमा से जो देख रहा हूँ , उसका आधार बना हूँ . मेरी कोई जाति नहीं , कोई धर्म नहीं = मैं एक भारतीय हूँ , आपके घर का हूँ और गीता को साक्षी माना है = तो जो कहूँगा सच ही कहूँगा , सच को स्वीकारना भी आसान बात नहीं ... = बाकी आपकी मर्ज़ी ! तो मैं चलूँ न ???