प्रकृति की हरीतिमा, आम के बौर , कोयल की मोहक कूक , पर्वतों की चोटियाँ , कल कल करती नदियाँ , लहलहाती गेंहू की बालियाँ , रंगबिरंगे परिधान में गाँव की गोरियाँ , घाटियों से क्षितिज तक पहुँचने की धुन ............. प्रकृति अपनी अदभुत छटा बिखेरती कहाँ नहीं ! तभी तो एक चिर परिचित प्रेमी का जन्म हुआ - जी हाँ प्रकृति कवि सुमित्रानंदन पन्त ! उदित होते सूर्य , उसकी रश्मियों के मध्य चिड़ियों की चहचहाहट = और कवि का विस्मित प्रश्न -
" प्रथम रश्मि का आना रंगिनी तूने कैसे पहचाना ' . प्रथम रश्मि का आना कवि को जगाता गया , और प्रकृति के प्रेम सौन्दर्य में लिपटे कवि ने एक नन्हीं सी लड़की को एक नाम दिया - ' रश्मि ' ! नाम दिया या अपने ख्यालों की वसीयत उसके नाम कर दी , इस बात से अनभिज्ञ वह लड़की अपने ख़्वाबों की लम्बी उड़ान के साथ ' पन्त की रश्मि ' बन गई .
कहती है वह रश्मि - ' सौभाग्य मेरा कि मैं कवि पन्त की मानस पुत्री श्रीमती सरस्वती प्रसाद की बेटी हूँ और मेरा नामकरण स्वर्गीय सुमित्रा नंदन पन्त ने किया ....' मैं सूत्रधार निरंतर उनकी उड़ान देख खुद को सौभाग्यशाली मान रहा हूँ . वह सूर्य की पहली रश्मि है या चिड़िया = मैं आज तक तय नहीं कर पाया .
जिस तरह शिव के धनुष पर बड़ी सहजता से राम ने प्रत्यंचा चढ़ाई थी , ठीक उसी प्रकार - इस पार और उस पार के रहस्य को जान लेने की हठ में वह शब्दों के धनुष पर भावों की प्रत्यंचा चढ़ा नित नए सवाल और जवाब देती है . सूरज के रथ में अपनी दुआओं के साथ वह अकेले नहीं निकलती = क्षितिज भ्रम है, इसे वह मानती नहीं और उसे अकेले पा लेना उनकी ख्वाहिश नहीं . तभी तो अलग अलग माध्यम से वह रास्तों से नगीने उठाती हैं . अपना ब्लॉग उनका मन है - मेरी भावनायें परन्तु , वटवृक्ष , परिकल्पना ब्लोगोत्सव के समय के रूप में , ब्लॉग बुलेटिन, शख़्स मेरी कलम से तथा एक सकारात्मक परिचर्चा के माध्यम से रश्मि प्रभा जी ने कईयों को नाविक बनाया अपने साथ - देखकर स्वतः सब कहते हैं = ' किनारे को पाने से कौन रोक सकता है !'
शख़्स मेरी कलम से में लोगों के अनुरोध पर खुद को भी अपनी कलम में उतारा , आप सब पढ़िए उन्हें यहां तब तक ............. मैं सूत्रधार अगले सूत्र तक बढ़ता हूँ
रश्मि आंटी का परिचय अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंसादर
बढ़िया परिचय ..
जवाब देंहटाएंमैं विस्मित हूँ या पाँव ज़मीं से ऊपर हैं या चिड़िया मेरी हथेली पर आ बैठी है या समंदर मेरे कमरे के बाहर आ गया है .... ! सूत्रधार जी , आपने तो मेरी कलम को दीर्घायु भवः का आशीष दे दिया ,
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
ब्लॉग से ही परिचय हुआ रश्मि जी से.... वाकई सपनो वाली लड़की है रश्मि जी... नए लोगों की आँखों में सपने भरती हैं.... रश्मि जी को असीम शुभकामनाये...
जवाब देंहटाएंरश्मि प्रभा जी के व्यक्तित्व का यथार्थ चित्रण है। वे अपनी रश्मियों की प्रभा ब्लॉगजगत में फैला रही है।
जवाब देंहटाएंआभार सूत्रधार जी!!
हंस की मानिंद सरोवर में तैरती हुई सरस्वती की रश्मि,साहित्य के सृजन पथ पर फैली हुई वैचारिक संपन्नता की रश्मि, अंतरजाल पर वैश्विक हिंदी चिट्ठाकारिता की रश्मि, सामाजिक-सांस्कृतिक हलचलों में विनम्रता की रश्मि, प्रकाशन में प्रखरता की रश्मि, पन्त की यह रश्मि हर उस जगह विद्यमान है जहां स्वर है,व्यंजन है, प्रतिमान है ....फिर भी अभिमान नहीं है कि वो हर जगह विद्यमान है !
जवाब देंहटाएंरविन्द्र जी ... मेरी आँखों में आंसू आ गए .... बहुत दिया आप सबने .
हटाएंरश्मि जी की रश्मि इसी तरह सम्पूर्ण जगत को आलोकित करती रहे।
जवाब देंहटाएंरश्मि दी को दूर से देखा था.. वो मंच पर अपनी रश्मियाँ बिखेर रही थीं अपने देदीप्यमान व्यक्तित्व से और मअं दर्शक दीर्घा में था.. जब से बैठा था तब से ही आस पास के लोग उनका नाम ले रहे थे.. मेरा परिचय न था उनसे.. आज भी नहीं है.. जानना प्रारम्भ किया है.. रिश्ता बनाया है.. स्नेह के फुहार में भीगना शुरोइओ किया है.. सौम्यता को आत्मसात करने की चेष्टा कर रहा हूँ.. संक्षिप्त किन्तु पूर्ण परिचय!!
जवाब देंहटाएंdi...........:)))
जवाब देंहटाएंjanane ki kya jarurat:-D
सूरज के रथ में अपनी दुआओं के साथ वह अकेले नहीं निकलती ..इस पंक्ति में तो आपने उन्हें ही लाकर ज्यों साक्षात् खड़ा कर दिया हो.. हमेशा एक तलाश जो भी अच्छा लिख रहा हो उसे सबके सामने लाने का भाव उनके प्रति मन में एक विशेष सम्मान रखता है ..आदरणीय रश्मि जी को अनंत शुभकामनाएं वे यूं ही सदैव ऊर्जावान रहें ताकि हम सब का मार्ग प्रशस्त कर सकें ... आपका बहुत-बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रश्मि जी को सादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएंरश्मि जी को अपने ब्लॉग पे उनके कमेंट्स पढ़कर और उनकी रचनाएँ उनके ब्लॉग पर पढ़ कर के जितना जाना है...उससे यही समझ आता है कि वो अपनी रश्मि यूँ ही बिखेरती रहेंगी..मुझसे नए लिखने वालों का मार्ग दर्शन करती रहेंगी
जवाब देंहटाएंबहुत ही अद्भुत.....!और रश्मि जी तो रश्मि ही हैं ...सूर्य की पहली ......रश्मि ...!नव जीवन का संचार करती रश्मि .....
जवाब देंहटाएंकर्म पथ की और ले जाती रश्मि ..../चिड़ियों की चहचहाहट रश्मि ...../अंधेरों को उजालों में बदलती रश्मि..../ ईश्वरीय स्पंदन से रूबरू करवाती ...रश्मि..../ माँ सरस्वती की अनुकम्पा ....से आत्मसात करवाती रस्मी ..../रश्मि ....एक किरण /एक उजाला /एक रंग समेटे है इन्द्रधनुषी एहसास /पारदर्शी .../आईने की तरह साफ़ .../निर्मल ..../ और क्या कहूँ.....बस अन्तत: यही रश्मि जिसे पकड़ा नही जा सकता/ बस महसूस किया जा सकता है .../उतरा जा सकता है भीतर.../ निराकार सी /जैसे जिस तरह चाहो ....वैसे ही...मिल जायगी ..../
बहुत सुंदर सूत्रधार जी ....आपका प्रयास काबिले तारीफ है /वक्त रहते किया गया .....ये एहसास /सराहनीय है.....बधाई ...
Didi ji se parichay karane ka yah andanj bahut achha laga..abhar
जवाब देंहटाएंरश्मि जी ने सभी को अपने स्नेह की डोर में बांध लिया है...ईश्वर से प्रार्थना है कि वह इसी तरह ब्लॉग जगत को अपनी ऊर्जा से सिंचित करती रहें...
जवाब देंहटाएंरश्मि जी का नाम ही काफी है।
जवाब देंहटाएंफोटो में देखा है रश्मि को, लेखनी से जाना है रश्मि को , अभिव्यक्ति से पहचाना है रश्नि को कभी प्रेरणा बनी कभी सखी बनी भावो की उडान बनी..सब तरफ रश्मि ही रश्मि..यूँ ही अपनी रश्मि बिखेरती रहें सब तरफ.. यूं ही सदैव ऊर्जावान रहें ताकि हम सब का मार्ग प्रशस्त कर सकें ... आपका बहुत-बहुत आभार ।
जवाब देंहटाएंbahut padhaa hai Rashmi ji ko maine pichhle kuchh mahheno mein...aaj fir unke baare mein padh kar....bahut achha laga
जवाब देंहटाएंbahut sunder parichay
abhaar
naaz
रश्मि जी के बारे में सच कहा है आपने ..
जवाब देंहटाएं@ सूत्रधार ,
कोई भी हो, प्रभावशाली हो...
आपको शुभकामनायें !
दादा आपको नहीं लगता कि हर उस शख्स की पहचान होनी चाहिए जो सार्वजनिक अभिव्यक्ति देता है ... न कि बेनामी.
हटाएंदीपक जी === आपने सही कहा , पर निष्पक्षता के लिए मैंने सिर्फ सूत्र थामा है. अच्छा लगा शक , पर अभी अनंत यात्रा बाकी है तो ये कहानी फिर सही.
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंjo bhi likhti hu sahi post nahi ho rahaa... :(
जवाब देंहटाएंउनकी सोच ,उनकी कला ,उनकी प्रस्तुति , सबको साथ लेकर चलने का अंदाज और सबको बढ़ावा देने का हौसला देख , I am speechless.... :) :)
जवाब देंहटाएंआपका लेख्य लाजबाब है.... :(
प्रथम रश्मि का आना रंगिणि!
जवाब देंहटाएंतूने कैसे पहचाना?
कहां, कहां हे बाल-विहंगिनि!
पाया तूने वह गाना?
सोयी थी तू स्वप्न नीड में,
पंखों के सुख में छिपकर,
ऊंघ रहे थे, घूम द्वार पर,
प्रहरी-से जुगनू नाना।
रचनाकार: सुमित्रानंदन पंत
ॐ
रश्मि जी
आप हिन्दी भाषा के महाकवि , मूर्ध् न्य रचनाकार
प्रकृति के सौन्द्रर्य को , हिन्दी शब्दों के नुपूरों से बांधकर
जन मन के ह्रदय तारों को आन्दिलित करने में सक्षम
एक संत - सुकवि द्वारा नामकरण किये जाने का सौभाग्य,
शिशु अवस्था में ही , प्राप्त कर चुकीं हैं -
[ यही सौभाग्य ' अमिताभ ' बच्चन जी को भी मिला है :)
एवं स्व. किर्ती चौधरी व स्व. ओमकार नाथ श्रीवास्तव की पुत्री ' अतिमा ' को भी मिला हुआ है ]
आप , आज हिन्दी साहित्य के विविध आयामों द्वारा ,
सृजनरत हैं और आप अपने रचना क्षेत्र में
निरंतर आगे बढ़ें , ये मेरी मंगल कामनाएं प्रेषित हैं
स स्नेह,
- लावण्या
पूर्णतः सहमत रश्मि जी के बारे में जो कहा!!
जवाब देंहटाएंसूर्य की वह किरण अपनी रौशनी से अलख जगाये हुए है !
जवाब देंहटाएं'पन्त की रश्मि' अपनी जीवन्तता, संवेदना, काव्य और प्रभा के साथ हम सभी के बीच रश्मि बिखेर रही हैं. उनके लिए अशेष शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंआदरणीय रश्मि जी को सादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएंरश्मि जी के विषय में पढ़ कर बहुत प्रसन्नता हुई.बहुत-बहुत शुभ-कामनाएँ !
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar aur saarthk post....bdhai....aise hi likhen rhen
जवाब देंहटाएंhttp://gauvanshrakshamanch.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंगौ रक्षा करने की जाग्रति हेतु एक ब्लॉग का निर्माण किया है ,आप सादर आमंत्रित है सदस्य बनने और अपने विचार /सुझाव/ लेख /कविता रखने के लिए ,अवश्य पधारियेगा.......
बसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंअपने ब्लाग् को जोड़े यहां से EK BLOG SABKA
आशा है , आपको हमारा प्रयास पसन्द आएगा!
बहुत अच्छा लगा पढ़ कर..जबकि कुछ ऐसा नहीं था जो जानती नहीं थी...
जवाब देंहटाएंरश्मि दी मुझे भी बहुत प्रिय हैं...रचनाकार और कवियित्री तो वो लाजवाब हैं ही मगर एक बहुत सुन्दर मन की स्वामिनी भी हैं...
सबसे अच्छी बात उनकी जो मुझे लगती है वो ये कि वे मुझे बहुत स्नेह देती हैं:-)
उनकी हँसी बड़ी प्यारी है...ईश्वर सदा उन्हें यूँ ही मुस्कुराता रखें.
आपका शुक्रिया सूत्रधार जी.
सादर.
रश्मि जी का व्यक्तित्व और उनकी रचनाधर्मिता वंदनीय है।
जवाब देंहटाएंउनके लिए अपरिमित शुभकामनाएं।
ईश्वर सदा उन्हें यूँ ही मुस्कुराता रखें.
जवाब देंहटाएंआपका शुक्रिया.
सादर.
रश्मि जी की रचनाधर्मिता में जीवन के गूढ़ तत्व विद्यमान हैं ,उनकी लेखनी को नमन.
जवाब देंहटाएंमन प्रफुल्लित हुआ यहाँ आकर ..!!अपनी बात कहने में सक्षम ...बहुत प्रबल लेखन जहाँ दिल और दिमाग दोनों बोलते हैं ...!!
जवाब देंहटाएंरश्मि दी .. आपकी लेखनी को नमन ..सूत्रधार जी आपका आभार ...इतने सुंदर प्रयास के लिए ...!!
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